और संवाददाता वहां भी गया था। विभिन्न सम्प्रदायों के लोग एकत्रित े । इस सभा के अगले दिन प्रात:काल ला मदन मोहनलाल साहब के सम्बन्धियों में किसी स्त्री का देहान्त हो गया । चूंकि उपर्युक्त लाला साहब, सरस्वती महाराज के… Continue Reading →
कमेटी के सदस्यों के कर्तव्य न्यायाधीश कौन बने ?-फिर समाज’ के स्थान पर पधार कर बाबू दुगा्रसाद साहब रईस व आनरेरी मैजिस्ट्रेट फर्रुखाबाद से बातचीत हुई। स्वामी जी ने पूछा कि यहां कमेटी के सदस्य कोन-्कौन है? बाबू साहब ने… Continue Reading →
क्यों रिन किया । हा पोपतीला में दस प्रजापति वा कश्यप को एक ही सब सन्तान मानने से पशुष्यवहार सिद्ध होता है। ये माने जाटा रहे । चौबीसवां सरल-गायत्री जाप से कोई फल है या नहीं और है तो क्यों… Continue Reading →
उत्तर–वेदों के अतिरिक्त हमारा कोई कपोलकल्पित मत नहीं है। फिर हमारे मत के अनुसार कोई केसे जन सकता है? क्या तुमने अंधेरे में गिरकर खाना-पीना मल मूत्र करना जती थोटी, अंगरखा घारकना, सोयना धर्म मान रखा है? काय वेद है… Continue Reading →
दसवां प्रश्न-जीव का क्या लक्षण है? उत्तर—न्यायशास्त्र में जीव का लक्षण इच्छा, द्वेष प्रयल, सुख, दुःख, ज्ञान लिखा है। ग्यारहवां प्रश्न-सूक्ष्म सूत्रों से ज्ञात होता है कि जत में अनन्त जीव हैं, तो फिर जल पीना उचित है या नहीं?… Continue Reading →
जीवन में कर्म आदि भी अनादि है। चार मनुष्यों की आत्मा में थेदोपदेश करने का यह है कि उन के दशया ।। पृष्यात्मा जीव कोई भी नहीं था। इस से परमेश्वर में पक्षपात कछ नहीं आ सकता एठा प्रश्न-आपके मतानुसार… Continue Reading →
दयालुता का यह प्रयोजन है कि बहुत से मुठ मनुष्य नारितकता से परमात्मा का अपमान और खंडन करते और पुत्रादि के न होने या अकाल में मरने, अतिवृष्टि, रोग और दरिद्रता के होने पर ईश्वर को गाली प्रदान आदि भी… Continue Reading →
फर्रुखाबाद के पण्डितों की ओर से विज्ञापन’ दयानन्द सरस्वती के पास ये प्रश्न धर्मसभा फरूखाबाद की। ओर से भेजे जाते हैं कि आप्त ग्रन्थों के प्रमाण से इन प्रश्नों का उत्तर पत्र द्वारा धर्मसभा के पास भेज दें और यह… Continue Reading →
अर्थात यजमान कहता है हे परमेश्वर ? मेरे पशुओं की तू अरबट़ी प्रकार रखा कर कि जिस से मर दह़ों होम की सबरो दूध दही प्रताप की कमी न पड़े और सन्दान पष् हो इस प्रकार इस प्रार्थना में पशुओं… Continue Reading →
खाने से वह केवल २० मनुष्यों को एक दिन के लिए पर्याप्त होती है। इसके अतिरिक्त उसके यदि दस बठिक हुई और बछड़े भी हुए तो और अतिरिक्त लाभ होगा। जो बछड़े हुए तो हजारों स्थानों पर उनसे पृथ्वी जोतकर… Continue Reading →
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